Advertisement

Responsive Advertisement

Starlink भारत में कब लॉन्च होगा और यह कैसे काम करता है | When will Starlink launch in India and how does it work?

Starlink: भारत में लॉन्च की तैयारी
Starlink, एलन मस्क की SpaceX कंपनी का सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट, 2024 के अंत तक या 2025 की शुरुआत में भारत में लॉन्च हो सकता है। कंपनी ने हाल ही में भारतीय सरकार के डेटा सुरक्षा और स्थानीयकरण नियमों का पालन करने पर सहमति दी है, जो इसके लॉन्च की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है​| 

Starlink क्या है?

Starlink एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जो दुनिया के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करने के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स का उपयोग करती है।

मुख्य विशेषताएं:

  • स्पीड: 50 Mbps से 150 Mbps
  • लो लेटेंसी: पारंपरिक सैटेलाइट सेवाओं की तुलना में तेज़
  • कवरेज: दुर्गम इलाकों में इंटरनेट


Starlink भारत में कब लॉन्च होगा और यह कैसे काम करता है | When will Starlink launch in India and how does it work?


Starlink कैसे काम करता है?

1. सैटेलाइट्स का नेटवर्क

Starlink ने हजारों LEO सैटेलाइट्स को पृथ्वी के करीब 550 किमी की ऊंचाई पर तैनात किया है। ये सैटेलाइट्स एक दूसरे के साथ समन्वय बनाकर पृथ्वी के बड़े हिस्से को कवर करते हैं।

2. यूजर टर्मिनल और सैटेलाइट डिश

Starlink किट में एक सैटेलाइट डिश और राउटर होता है। यह डिश स्वचालित रूप से निकटतम सैटेलाइट से कनेक्ट होती है।

3. डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम

इंटरनेट डेटा को सैटेलाइट्स के माध्यम से ग्राउंड स्टेशनों तक भेजा जाता है, जो इसे इंटरनेट के मुख्य नेटवर्क (बैकबोन) से जोड़ता है।

4. लो लेटेंसी तकनीक

LEO सैटेलाइट्स के करीब होने के कारण डेटा ट्रांसफर तेज और कुशल होता है।


Starlink भारत में लॉन्च की स्थिति

1. नियामकीय प्रक्रियाएं

Starlink ने GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस के लिए 2022 में आवेदन किया था। कंपनी अब भारतीय दूरसंचार विभाग (DoT) और IN-SPACe जैसी एजेंसियों के साथ काम कर रही है​।


2. डेटा सुरक्षा और स्थानीयकरण

भारतीय सरकार के डेटा सुरक्षा नियमों का पालन करना Starlink के लिए अनिवार्य है। कंपनी ने इन आवश्यकताओं को स्वीकार कर लिया है, जो इसे संचालन शुरू करने के करीब लाता है​।

3. अन्य खिलाड़ी

भारत में Jio Satellite Communications और OneWeb जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा होगी।


Starlink की सेवाओं के लाभ

  1. दुर्गम क्षेत्रों में कनेक्टिविटी:
    ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में इंटरनेट सेवा।
  2. तेज़ इंटरनेट:
    गेमिंग और वीडियो कॉल जैसी सेवाओं के लिए उपयुक्त।
  3. आपातकालीन उपयोग:
    प्राकृतिक आपदा के समय संचार को बनाए रखने में मदद।

Starlink की चुनौतियां

  1. लागत:
    Starlink किट की कीमत लगभग ₹50,000 और मासिक शुल्क ₹2,000-₹3,000 हो सकता है।

  2. प्रतिस्पर्धा:
    Jio और OneWeb जैसे मौजूदा खिलाड़ियों से मुकाबला।

  3. नियामकीय बाधाएं:
    भारतीय बाजार के लिए स्थानीय मानकों का पालन।


भारत में स्टारलिंक (Starlink) की सेवाओं की संभावित कीमतें निम्नानुसार हो सकती हैं:

  1. एक बार की उपकरण लागत: स्टारलिंक के उपयोग के लिए आवश्यक उपकरण (डिश, मॉडेम, आदि) की कीमत लगभग ₹37,400 हो सकती है।

  2. मासिक सेवा शुल्क: मासिक इंटरनेट सेवा के लिए शुल्क लगभग ₹7,425 होने का अनुमान है। यह शुल्क 30% टैक्स सहित है।

  3. पहला वर्ष का कुल खर्च: पहले वर्ष में उपकरण की लागत जोड़कर कुल खर्च करीब ₹1,58,000 तक हो सकता है। दूसरे वर्ष से यह केवल मासिक शुल्क पर आधारित होगा, यानी ₹1,15,000 प्रति वर्ष​


ये सेवाएं मुख्यतः उन क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन की गई हैं जहाँ पारंपरिक इंटरनेट विकल्प (जैसे ब्रॉडबैंड या फाइबर) उपलब्ध नहीं हैं। स्टारलिंक की इंटरनेट स्पीड 25 Mbps से 220 Mbps के बीच रहने की उम्मीद है, जो ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

स्टरलिंक की सेवाओं की उपलब्धता और सटीक कीमतें भारत में सरकारी अनुमतियों के बाद ही स्पष्ट होंगी।

Starlink का भविष्य और संभावनाएं

Starlink भारत में डिजिटल डिवाइड को कम करने और ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सेवा न केवल इंटरनेट कनेक्टिविटी बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। 

Starlink का फिलहाल कोई अलग स्टॉक नहीं है जिसे सीधे खरीदा जा सके। यह स्पेसएक्स (SpaceX) का एक हिस्सा है, जो एक प्राइवेट कंपनी है और सार्वजनिक रूप से शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है।

हालांकि, स्पेसएक्स ने 2023 में एक सेकेंडरी सेल्स राउंड के दौरान $150 बिलियन वैल्यूएशन पर फंडिंग जुटाई थी। यदि भविष्य में स्पेसएक्स या स्टारलिंक का आईपीओ (IPO) आता है, तभी आप भारत या अन्य देशों में इसके शेयर खरीदने में सक्षम होंगे।

निष्कर्ष
Starlink का भारत में लॉन्च डिजिटल परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है। हालांकि इसे कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इसकी तकनीकी दक्षता और सेवा मॉडल इसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए एक प्रमुख विकल्प बनाते हैं​ |

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ